Android Oreo के टॉप 7 फीचर्स
गूगल ने आॅफिशियल तौर पर Android O को ‘Oreo’ नाम के साथ लॉन्च कर दिया है, जिसमें कई खास फीचर्स दिए गए हैं।
काफी समय से यूजर्स को नए एंड्राइड वर्जन O का इंतजार है जिसे गूगल की डेवलपर कॉन्फ्रेंस I/O 2017 में पेश किया गया था। किंतु उससे पहले एंड्राइड O का पहला डेवलपर प्रीव्यू 21 मार्च को पेश किया गया था। जिसके बाद कंपनी ने एंड्राइड O का पब्लिक बीट वर्जन अपडेट भी लॉन्च किया। वहीं अब गूगल ने एंड्राइड O को आखिरकार अधिकारिक तौर पर लॉन्च कर दिया है। जैसा कि कयास लगाए जा रहे थे कि एंड्राइड O को Oreo नाम से जाना जा सकता है और उन सभी कयासों को गूगल ने सही ठहराते हुए एंड्राइड O को OREO नाम दिया है। बता दें कि गूगल अपने एंड्राइड वर्जन को किसी न किसी डेजर्ट के नाम से पेश करता है।
गूगल ने एंड्राइड आॅपरेटिंग सिस्टम के नए संस्करण एंड्राइड O को अधिकारिक तौर पर लॉन्च कर दिया है जो कि अभी तक बीटा संस्करण के रूप में उपलब्ध था। वहीं यह नया एंड्राइड वर्जन कई खास फीचर्स से लैस है जो कि एंड्राइड के उपयोग और प्रदर्शन को और भी बेहतर बनाने में सक्षम हैं। आइए जानते हैं एंड्राइड O के 7 शानदार फीचर्स के बारे में।
1. पिक्चर इन पिक्चर
पिछले साल एंड्राइड टीवी में कंपनी ने इस फीचर को पेश किया था। वहीं अब एंड्राइड O के साथ भी कंपनी ने इसे पेश किया है। इसमें आप वीडियो देखने के दौरान उसे फ्लोटिंग विंडोज में कहीं भी स्क्रीन पर सेट कर सकते हैं और फिर दूसरे एप का उपयोग कर सकते हैं। इतना ही नहीं एक साथ दो वीडियो भी प्ले किए जा सकते हैं। यह फीचर एप्पल के आईपैड डिवाइस में पहले देखा जा चुका है। वहीं अब एंड्राइड यूजर्स भी इसका लाभ उठा सकेंगे। एंड्राइड O में आपको किसी अन्य एप के साथ इंटरैक्ट करते वक्त भी विडियो प्ले करने की सुविधा उपलब्ध होगी। यानि यूजर्स वीडियो को आॅफ किए बिना स्मार्टफोन के होम पेज पर जाकर अन्य कार्य भी आसानी से कर सकते हैं।
2. आॅटोफिल
एंड्राइड O का यह फीचर भी बेहद कमाल का है। किसी भी तरह के ईमेल आईडी बनाने के लिए या फिर कोई ट्रान्जेक्शन आईडी बनाने के लिए आपको अपनी डिटेल्स भरनी होती है। ऐसे में गूगल अब आपकी जानकारी सेव कर लेगा साथ ही उसे सुरक्षित भी रखेगा। इसके बाद जब भी आपको कहीं जानकारी डालने की जरूरत होगी तो गूगल खुद ही यह भर देगा। अगर आप एक पासवर्ड मैनेजर एप का इस्तेमाल करतें है तो एंड्राइड O आपको आपके डिवाइस पर ऑटोफिल के माध्यम से आसानी से सुरक्षित पहुँच देता है।
3. बेहतर बैटरी लाइफ
एंड्राइड मार्शमेलो और नौगट में गूगल ने डोज मोड फीचर का इस्तेमला किया था, जो कि आपके फोन की बैटरी को बचाता है और फोन को कम बिजली वाले राज्य में उपयोग करते हुए कीमती बैटरी को बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन अब Oreo आपका शुल्क बर्बाद होने से रोकने के लिए वादा करता है। इसलिए गूगल ने एंड्राइड ‘O’ में बेहतर बैटरी बैकअप और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक और फीचर Vitals की भी सुविधा दी है। जो असल में OS की सुरक्षा और इसके ऑप्टिमाइजेशन को सही प्रकार से चलाने का काम करता है। सुरक्षा की दृष्टि से गूगल ने अब इस नए OS में ऐसे फीचर शामिल किए हैं जिनके माध्यम से आप सभी एप्स को स्कैन भी कर सकते हैं।
4. नोटिफिकेशन चैनल्स
एंड्राइड O में कंपनी ने नोटिफिकेशन चैनल्स को पेश किया है जहां आप एप के हिसाब से नोटिफिकेशन को स्टोर कर सकते हैं और उसमें अपनी जरूरत के हिसाब से रिंगटोन चेंज और अगल-अलग तरह के कैटेगरी बना सकते हैं। एंड्राइड O में आपको बार बार आने वाले नोटिफिकेशन्स डिस्टर्ब नहीं करेंगे। इसके लिए एंड्राइड O में उन नोटिफिकेशन्स को Snooze करने की भी सुविधा दी गई है। इसके लिए आपको अपनी ऊँगली को स्लाइड करना होगा और एक लिमिट सेट करनी होगी कि कितनी देर के लिए आप इन नोटिफिकेशन्स को Snooze करना चाहतें है। आप 15 मिनट, 30 मिनट या 60 मिनट या अपनी इच्छानुसार इन नोटिफिकेशन्स को Snooze कर सकतें है।
5. अडैप्टिव आईकॉन
साधारणत: एंड्राइड फोन में आईकॉन एक जैसे लगते हैं। हालंकि लॉन्चर के हिसाब से इसे बदला जा सकता है लेकिन एंड्राइड O में कंपनी ने अडैप्टिव आईकॉन आॅप्शन को पेश किया है। जहां फोन मॉडल और स्क्रीन साइज के हिसाब से आॅईकॉन शेप और स्टाइल बदल जाएंगे।
6. स्मार्ट टेक्स्ट सिलेक्शन
इस फीचर की मदद से आप अपने फोन में केवल फिंगर के माध्यम से टेक्स्ट सिलेक्ट कर सकते हैं और वह भी केवल उतना जितनी आपको आवश्यकता है। एंड्राइड O के स्मार्ट टेक्स्ट सिलेक्शन में पता, व्यावसायिक नाम और अन्य चयनों को आॅटोमेटीकली सिलेक्ट कर संपूर्ण टेक्स्ट को आसानी से चुनने में मदद करता है।
7. लिमिट बैकग्राउंड
एंड्राइड O में एक और खास फीचर्स दिया गया है। जिसकी मदद से यूजर्स अपने फोन की बैटरी की सेव कर सकते हैं। नए ओएस में गूगल ने बैकग्राउंड को लिमिट कर दिया है। यूजर्स अपनी सुविधा और उपयोग के अनुसार खुद सेट कर सकते हैं कि बैकग्राउंड में कितने एप्स रन करने हैं। इससे फोन का परफॉर्मेंस और गति और भी बेहतर हो जाएगी।
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